यह एक संयोग ही है कि आज ही विश्वकर्मा जयंती भी है। विश्व के शाश्वत शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।

आधुनिक भारत के निर्माण में जिन नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उसमें श्री नरेंद्र मोदी हमेशा अग्रणी रहेंगे। 2004 से 2014 तक जिस तरह से देश नेतृत्व विहीन रहा उसका दुष्परिणाम हम सब ने राष्ट्र के जीवन के हर पक्ष में देखा। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जो श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आया है वह है नीति/निर्णय पंगुता (policy paralysis) के युग की समाप्ति हुई। 2004 से 2014 तक जिस तरह से सरकार निर्णय लेने में अक्षम रही, उसने राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुंचाई। किसी भी विषय पर निर्णय लेने की शक्ति राष्ट्र ने खो दिया था। श्री नरेंद्र मोदी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान पॉलिसी पैरालिसिस को खत्म करना रहा है। निर्णय चाहे अप्रिय हो या प्रिय हो, कठोर हो या आसान हो, श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने निर्णय लिया। हम किसी भी पहलू को उठा कर देख ले, कोरोना काल में भी देश ने कठोर निर्णय लिया।
इस अवधि में हर दिशा में राष्ट्र ने अभूतपूर्व प्रगति की। यूपीए सरकार के दौरान भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल वीके सिंह को यह पत्र लिखना पड़ा कि हमारे पास हमारी जरूरतों का 50% भी अम्युनिशन उपलब्ध नहीं है और हम किसी देश से 15 दिन से अधिक युद्ध करने की स्थिति में नहीं है। आज स्थिति यह है कि भारत सैन्य शक्ति में दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश है। जहां यूपीए के पास सैन्य साजो-सामान के लिए हमेशा दरिद्रता घेरे रहती थी वहीं इस सरकार ने सैन्य बलों को तमाम आधुनिक और परम घातक हथियारों से सुसज्जित किया। सैन्य बलों पर संपूर्ण खर्च अमेरिका और चीन के बाद भारत का ही है। रक्षाध्यक्ष यानि CDS (Chief of Defence Staff) की नियुक्ति एक बड़ा निर्णय रहा तथा थिएटर कमांड की स्थापना बहुत बड़ा क़दम। आज भारत दुनिया की तीसरी श्रेष्ठतम सैन्य शक्ति ही नहीं बल्कि तीसरी अर्थ शक्ति भी है। यदि हम क्रय शक्ति समानता PPP (Purchase Power Parity) को देखें तो भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थ शक्ति है। जहां अमेरिका परचेज पावर परिर्टी में 26 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है है और चीन 22 ट्रिलियन वहीं भारत 16 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है। जीडीपी की दृष्टि से भी देखें तो भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थ शक्ति है अमेरिका (22 trillion), चीन (16 trillion), जापान (6 trillion) और जर्मनी (5 89 trillion) के बाद हमारा संपूर्ण घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी पांचवें स्थान पर (5.46 trillion) है । एक समय था जब भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व हमेशा धार पर रहता था आज भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व है जो 641 बिलियन यूएस डॉलर के बराबर है। चीन जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स सबसे बड़ा है।

राजनैतिक दृष्टि से भी अगर देखें तो इस सरकार ने बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं। उनमें से कुछ एक वर्ग विशेष के पक्ष में नहीं हो सकते हैं इसलिए एक या दूसरा वर्ग नाराज हो सकता है। परंतु सरकार की कठोर निर्णय लेने की शक्ति महत्वपूर्ण है । सबसे बड़ा पैमाना यह है कि इस सरकार के टेकओवर करने के बाद देश में दिन प्रतिदिन होने वाले बम ब्लास्ट और धार्मिक दंगे लगभग शून्य हो गए हैं । आज भारतीय सेना के जवानों के विरुद्ध जम्मू और कश्मीर में एफ आई आर दर्ज नहीं होती। नहीं तो वही निकम्मी पुलिस, जिसका काम करने के लिए भारतीय सेना जम्मू कश्मीर में अपना रक्त बहा रही है, वहीं पुलिस भारतीय सैनिकों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करती थी। ऐसी स्वविनाशकारी व्यवस्था चल रही थी। यह सब कानून के विरुद्ध था लेकिन केंद्र की निकम्मी सरकार ने यह सब होने देती थी।
ऐसा पहली बार हुआ था जब भारत चीन के समक्ष सीना तान कर खड़ा हुआ। दुखद पहलू यह रहा कि उसी यूपीए सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन इस सरकार को सलाह दे रहे थे कि चीन को नाराज ना करें। क्योंकि उनके समय में चीन ने जहां अपना पैर रख दिया वह उसकी भूमि हो जाती थी । विषय बहुत है और लेख को लंबा किए बगैर यह कह सकते हैं कि आज भारत किसी भी दृष्टि से संसार के 5 सबसे शक्तिशाली और प्रमुख राष्ट्रों में अपना स्थान रखता है।

शिक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन हमें हमारी खोयी संस्कृति और सम्मान प्राप्ति की दिशा में ले जाने और विकृत इतिहास लेखन से उत्पन्न हीन भावना को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जिस तरह से को कोई भी भवन एक दिन में नहीं बनता और उसकी एक-एक ईटें नींव से शिखर तक बनाई जाती हैं उसी तरह देश के निर्माण में कमोवेश सभी का योगदान रहा है लेकिन श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने अपना सम्मान, अपना गौरव और अपना सम्यक स्थान प्राप्त किया है। इसी गति से चलते रहे तो हम विश्व के शिखर पर प्रथम पंक्ति की महाशक्ति और विश्व गुरु अवश्य बनेंगे।
वंदे मातरम्।